मिशन हैप्पी हरदा के अंतर्गत निमाड़ लोक कला एवं संस्कृति केंद्र खंडवा के तत्वाधान में परंपरागत हालूर गायन पानतलाई में 7/6/2025 में किया गया ।
हालूर एक परंपरागत गीत गाने का प्रकार है जोकि किसानों द्वारा भुआणा क्षेत्र में चांदनी रात में हल चलने के दौरान गया जाता है। यह एक कृषि धरोहर की सुंदर अभिव्यक्ति है जोकि वर्तमान में धीरे-धीरे दुर्लभ हो रही है।
हालूर लोक संस्कृति की अक्षय निधि है यह जीवन को उल्लास देते हैं हमारी परंपराओं को जीवित करते हुए धरती माता की ममता की सुखद आनंद की अनुभूति प्रदान करते हैं। युवाओं को हालूर गीतों से परिचित करने, पावन उद्देश्य से हालूर गीत का आयोजन 07/06/2025 को पानतलाई में किया गया। इसके माध्यम से यह सांस्कृतिक धरोहर आगामी पीढियों को हस्तांतरित की जा रही है।